नयी दिल्ली : जब दिल ही टूट गया तो जी कर क्या करेंगे…यह गाना अक्सर दर्द भरे आशिकों के मुंह से सुनाई देता है। इस गाने को आज से 72 साल पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले ‘तानसेन’ और सुपरस्टार कहे जाने वाले के एल सहगल ने गाया था। कुंदन लाल सहगल का नाम हिंदी फिल्मों में एक बेमिसाल गायक के रूप में विख्यात हैं, लेकिन देवदास (1936) जैसी चंद फिल्मों में उम्दा अभिनय के कारण उनके प्रशंसक उन्हें हिंदी सिने जगत का पहला सुपरस्टार मानते हैं। आज के दिन के एल सहगल का निधन हो गया था। तो चलिए जानते हैं हिंदी सिने जगत के पहल सुपरस्टार की कुछ बातें
11 अप्रैल 1904 को जम्मू में जन्मे सहगल साहब ने अपने सिनेमा करियर में 185 गीत गाए और उनके गीत आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं। उन्होंने हिंदी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, तमिल और पर्शियन भाषाओं में भी गीत गाए हैं। सहगल के हर गाने में एक न एक संदेश छिपा रहता था। उन्होंने ‘एक बंगला बने न्यारा’ से रिश्तों को एक सूत्र में बांधा तो वहीं ‘हाय हाय ये जालिम जमाना’ से दुनिया को कड़वी सच्चाई से भी रूबरू कराया था।
केएल सहगल ने गानों के अलावा एक्टिंग भी की है। अपने दो दशक के सिने करियर में सहगल ने 36 फिल्मों में अभिनय किया, लगभग 185 गीत गाए, जिनमें 142 फिल्मी और 43 गैर-फिल्मी गीत शामिल हैं। एक जमाने में सहगल की आवाज में सुबह 7 बजे रेडियो पर गाना बजता था। उनकी आवाज लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गई थी। सहगल पहले गायक थे, जिन्होंने गानों पर रॉयल्टी शुरू की थी।
सहगल को अगर संगीत का कुंदन कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा। सहगल का गाना ‘जब दिल ही टूट गया’ को लेकर एक किस्सा काफी मशहूर है। सहगल साहब के बारे में कहा जाता है कि वह बिना पिए गाते नहीं थे, लेकिन फिल्म ‘शाहजहां’ के लिए ‘जब दिल ही टूट गया’ गाना था, तब उन्होंने बिना पिए गया। यही नहीं ये गाना पहली बार में ही सबको पसंद भी आया। के एल सहगल ने इस गाने के बाद कहा था कि मेरे जनाजे में ‘जब दिल ही टूट गया…’ गाना बजना चाहिए और हुआ भी ऐसा ही।