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एक्शन : धनबाद के चर्चित असर्फी हॉस्पिटल पर आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के आरोप में लगाया लगा ₹35 लाख का जुर्माना , राशि अदा नहीं करने पर हो सकती है कार्रवाई 

Newsfast Sabsefast24

धनबाद : झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने असर्फी हॉस्पिटल पर 35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के आरोप में लगाया है। जुर्माने की राशि आयुष्मान में गड़बड़ी की गई राशि का पांच गुना है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं असर्फी प्रबंधन ने इस मामले में आयुष्मान के इंश्योरेंस एजेंसी के प्रतिनिधियों पर गलत रिपोर्ट करने का आरोप लगाया है।

पिछले दिनों असर्फी हॉस्पिटल में आयुष्मान से किए गए इलाज की जांच की गई थी। जांच में कई गड़बड़ियां पाई गई थी। इन्हीं गड़बड़ियों के आकलन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने असर्फी पर जुर्माना लगाया है। अधिकारियों की मानें तो असर्फी प्रबंधन ने भुगतान का गलत क्लेम किया था। जांच में इसकी पुष्टि होने पर यह जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि जमा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पत्र भेजा गया है। अधिकारियों के अनुसार दोबारा रिमाइंडर भी भेज दिया गया है। अभी तक अस्पताल की ओर से राशि जमा नहीं कराई गई है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि असर्फी 20 महीने से आयुष्मान के तहत काम कर रहा है। आयुष्मान के तहत हार्ट की बड़ी-बड़ी सर्जरी की गई। चार करोड़ रुपए का क्लेम हुआ है। इसके 25 लाख रुपया काट लिया गया है। 30 लाख रुपया टीडीएस कट चुका है। विभाग पर अभी भी 1.64 करोड़ रुपया बकाया है। अब क्लेम को गलत बताकर जुर्माना लगाया गया है।

तीन से पांच गुना कर दिया गया जुर्माना :

आयुष्मान में गलत क्लेम करने वाले अस्पतालों पर पहले क्लेम की गई राशि का तीन गुना जुर्माना लगाया जाता था। इसे बढ़ाकर अब पांच गुना कर दिया गया है। यानी यदि किसी अस्पताल में एक लाख रुपए की गड़बड़ी पकड़ी गई, तो उसके खिलाफ पांच लाख रुपया जुर्माना लगाया जाएगा। असर्फी को भी क्लेम राशि का पांच गुना जुर्माना लगाया गया है।

क्लेम को गलत बता जुर्माना लगाना गलत : हरेंद्र सिंह

असर्फी अस्पताल के सीईओ हरेन्द्र सिंह ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनी बेवजह क्लेम को गलत बताकर परेशान करती है। इसी को लेकर 35 लाख के जुर्माने का पत्र भेजा गया है। इस पत्र का जवाब दे दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का एक और पत्र आया है। उसका भी जवाब दिया जाएगा। इंश्योरेंस कंपनी बेवजह परेशान करने के लिए क्लेम को गलत बताती है जो गलत है।

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