धनबाद : गिरिडीह के राघवन परिवार ने आईआईटी आईएसएम धनबाद को जी.वी. राघवन शताब्दी स्मारक छात्रवृत्ति योजना के लिए एक करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है. इस छात्रवृत्ति योजना के तहत जेईई प्रणाली के माध्यम से आईआईटी में प्रवेश लेने वाली मेरिट-कम-माध्यम (एमसीएम) श्रेणी की छात्राओं को माइनिंग इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग और 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड एम.टेक प्रोग्राम (एप्लाइड जियोलॉजी एंड एप्लाइड जियोफिजिक्स) में ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी.
यह राशि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के उद्देश्य से दी गई है. मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को एक करोड़ रुपये की ब्याज दर से मदद की जाएगी. गौरतलब हो कि गोपाल वी राघवन का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है. इसी के तहत राघवन परिवार ने एक करोड़ रुपये का यह चेक आईआईटी आईएसएम प्रबंधन को सौंपा है. यह चेक उनके बेटे आरवी रघुनंदन और बहू प्रभा रघुनंदन ने आईएसएम प्रबंधन को सौंपा है
आरवी रघुनंदन ने बताया कि उनके पिता गोपाल वी राघवन 1946 में गिरिडीह आये थे. वे मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले थे. वे माइनिंग क्षेत्र से जुड़े थे. वे उद्योग से नहीं, बल्कि मजदूरों की तरफ से हमेशा जुड़े रहे. उनका ट्रेड यूनियन से जुड़ाव था. माइका माइंस और कोयले के क्षेत्र में ट्रेड यूनियनों के लिए काम करते थे, मजदूरों की आवाज बुलंद करते थे. यह उनकी जन्म शताब्दी है. उनकी कर्मभूमि गिरिडीह, धनबाद बेरमो रही. जिस क्षेत्र से वे जुड़े थे, वहां के लोगों को लाभ देने के उद्देश्य से यह काम किया गया है.
उन्होंने बताया कि आईएसएम को एक करोड़ का अनुदान दिया गया है. जिसके ब्याज दर से माइनिंग और अर्थ साइंस की चार से पांच छात्राओं को आईआईटी जेईई के माध्यम से आर्थिक लाभ दिया जा सकता है. ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें. छात्राओं को लाभ देने का उद्देश्य यह है कि पिता को महिला शिक्षा से काफी लगाव था. वे हमेशा महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करते थे. इस दौरान आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार ने बताया कि यह राशि जीवी राघवन स्कॉलरशिप के लिए दी गई है. इसका लाभ आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को मिलेगा.