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दिलचस्प : मापी में रैयती निकली तीन करोड़ 33 लाख की लागत से निर्माणाधीन पुल की जमीन,लोगों ने उठाये सवाल,कार्यकारी एजेंसी से लूंगा रिपोर्ट, जांच में जो भी दोषी होंगे उनपर होगी कार्रवाई : डीडीसी

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धनबाद : बाघमारा प्रखंड के जमुआटांड़ पंचायत के खमारगोड़ा गांव में तीन करोड़ 33 लाख की लागत से निर्माणाधीन पुल के पहुंच पथ पर बाउंड्री वाल कर घेराबंदी की गयी जमीन की मापी रविवार को अंचल अमीन ने की.

मापी के बाद जमीन रैयती निकली. जमीन रैयती निकलने के बाद वहां पुल निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं. लोगों के कतरास आवागमन के लिए डीएमएफटी फंड से वहां पुल बनाया गया है. लेकिन पहुंच पथ नहीं बनने से यह बेकार साबित हो रहा है. राजगंज-महुदा मार्ग से लिंक रोड यह पुल बना है. लेकिन पुल के दूसरे छोर पर रैयत ने बाउंड्रीवाल खड़ी कर दी है. इससे ग्रामीणों का आना-जाना बंद हो गया है. इधर रविवार को जांच में बाउंड्री वाल टूटा पाया गया. बाघमारा के प्रभारी अंचल निरीक्षक विनोद प्रसाद सिन्हा की मौजदूगी में अमीन पायकू टुडू समेत एक अन्य अमीन ने जमीन की मापी की. श्री सिन्हा ने बताया कि मापी में जमीन रैयती निकली है. इसकी रिपोर्ट बाघमारा सीओ को सौंपी जायेगी. इधर, मुखिया निरंजन गोप का कहना है कि जब करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण हुआ है, तो इसका वैकल्पिक रास्ता दिया जाये.

बता दे कि पुल के बगल में जहां बाउंड्रीवाल किया गया था, उक्त विवादित स्थल की जाँच करने आये सरकारी अमीन व अंचल निरीक्षक ने उक्त विवादित जमीन को रैयती प्लॉट बता दिया, जिससे अब ग्रामीणों के उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। करोड़ो की लागत से बने नवनिर्मित पुल की उपयोगिता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यदि पुल से सटा हुआ जमीन सरकारी नही था तो पुल का निर्माण क्यों कर दिया गया?

पुल का निर्माण भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है- छेदी कुमार , आरटीआई कार्यकर्ता

मामले को लेकर वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता छेदी कुमार ने बताया कि पुल का निर्माण भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने अपनी कमीशनखोरी के लालच में डीएमएफटी के करोड़ों रुपये बर्बाद होने दिया। पुल बनाने की मांग किसने की थी यह समझ से परे है। आमसभा में पुल पास कराने वाले से लेकर पुल की अनुशंसा करने वाले और पुल बनाने की स्वीकृति देने वाले सभी लोग दोषी है। सब पर कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं धनबाद डीडीसी सदात अनवर ने मामले को गंभीरता से ले लिया है। धनबाद डीडीसी ने बताया कि कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, धनबाद से इसका रिपोर्ट लिया जायेगा। जरूरत पड़ने पर सीओ एवं बीडीओ से भी रिपोर्ट लिया जायेगा। रिपोर्ट के अनुसार जो भी दोषी पाए जाएंगे उस पर विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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