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संगीनों के साये में हुई बेलदारी पैच की मापी, अब शुरू होगी आउटसोर्सिंग

Newsfast Sabsefast24

धनबाद : बीसीसीएल सिजुआ क्षेत्र की तेतुलमारी कोलियरी अंतर्गत बेलदारी पैच आउटसोर्सिंग चालू करने को लेकर शुक्रवार को मजिस्ट्रेट, कई थाना के पुलिस पदाधिकारी, सीआइएसएफ व बीसीसीएल अधिकारियों की उपस्थिति में जमीन की मापी कर सीमांकन कराया गया. हालांकि बेलदारी बस्ती के ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर अपना विरोध जारी रखा. बताते चलें कि बेलदारी बस्ती के समीप एसएनआर- सीएनआर (जेभी) आउटसोर्सिंग को करीब 24 एकड़ भूमि में खनन करने की स्वीकृति बीसीसीएल से मिली है. उसी 24 एकड़ जमीन का सीमांकन करने के लिए शुक्रवार को बाघमारा सीआइ विनोद प्रसाद सिन्हा, राजस्व कर्मचारी राजेश कुमार यादव अमीन के साथ पहुंचे थे. बीसीसीएल के भू-संपदा पदाधिकारी बीबी सिंह, पीओ सुनील कुमार दास, प्रबंधक प्रदीप मिश्रा समेत आउटसोर्सिंग के प्रतिनिधि भी साथ थे. इस दौरान तेतुलमारी, अंगारपथरा ओपी, राजगंज पुलिस के अलावा महिला थाना प्रभारी वर्षा रानी के अलावा काफी संख्या में पुलिस बल व सीआइएसएफ जवान भी मौजूद थे.

जमीन ग्रामीणों की है, तो अंचल कार्यालय से संपर्क करें : पुलिस

किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पुलिस तैयार थी. अधिकारियों व पुलिस की उपस्थिति में सरकारी अमीन ने जमीन का सीमांकन शुरू किया, तो बेलदारी बस्ती की महिलाओं विरोध जताया. इसको लेकर तेतुलमारी थाना प्रभारी सत्येन्द्र यादव से महिलाओं की नोकझोंक हो गयी. थाना प्रभारी ने कहा कि डीसी के निर्देश पर सरकारी जमीन की मापी करायी जा रही है. आपकी जमीन है तो अंचल कार्यालय में बात रखें. इसके बाद अधिकारियों ने कार्य किया. करीब चार घंटे तक जमीन सीमांकन का कार्य चला.

तेतुलमारी थाना प्रभारी से उलझे तेतुलमुड़ी के ग्रामीण

पांडेडीह मौजा की जमीन निकालने के लिए तेतुलमुड़ी के जमीन पर अमीन पहुंचा, तो तेतुलमुड़ी के लोगों ने विरोध जताया, इस बीच तेतुलमारी थानेदार सत्येन्द्र यादव समझाने गये, तो ग्रामीण उनसे उलझ गये, बाद में अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने समझा-बुझाकर कर मामले को शांत किया.

क्या कहते हैं मजिस्ट्रेट

प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट सीआइ विनोद प्रसाद सिन्हा ने कहा कि यहाँं खनन कार्य होना है. उसमें कुछ लोग बाधा डाल रहे थे. धनबाद एसडीओ के निर्देश नापी करायी गयी.

क्या कहती हैं बेलदारी बस्ती की महिलाएंबेलदारी बस्ती के प्रभावित महिलाओं का कहना है कि पहले जमीन के बदले नियोजन, मुआवजा तथा पुनर्वास दिया जाए. उसके बाद ही जमीन का सीमांकन व सर्वे किया जाये.

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